ऑनलाइन आज़ादी के चौपट खुले दरवाजे ,,,

यह ऑनलाइन जमाना है।शुभकामनाओं से लेकर गालियाँ तक बड़ी आसानी से यहाँ से वहां चली आतीहैं इतनी मात्रा में आती हैं कि लगता है कि इस दुनिया में शुभता और अपशब्दों के सिवा कुछ बचा ही नहीं है  सोशल मीडिया पर किसी के निधन की सूचना आती है तो देखते ही देखते हजारों लाइक्सआ जाते हैं  झुमरीतलैया  में कोई मैना पिंजरे से गायब  हो जाती है तो पूरा आभासी संसार उसकी इस हरकत पर दो खेमों  में बंट कर गहन विमर्श में तल्लीन हो जाता है।मैना के इस साहस , दुस्साहस और नादानी पर लोग अपने -अपने तरीके से गम ,गुस्से और तारीफ का इज़हार करते हैं  अभिव्यक्ति की इस आनलाइन आज़ादी ने पूरे मुल्क को निहायत वाकपटु बना दिया है। इस ऑनलाइन स्वछंदता ने नैतिकतावादियों की नाक फुला दी है   सोशल मीडिया पर दबंग नेता तक की गली मोहल्ले का सींकियाछाप पहलवान यहाँ टिल्ली-लिल्ली करके रख देता है 
इस ऑनलाईन आज़ादी  ने अपने शैशव में ही गुल खिलाने शुरू कर दिए हैं।पूत के पाँव पालने में अपना कौतुक दिखा रहे हैं  अधिकांश चिंतक इसके गले में बिल्ली के गले वाली मिथकीय घंटी बाँधने की फ़िराक में हैं  वैसे भी हमारे विचारकों को तय मिकदार से अधिक आजादी हज़म नहीं होती। इसीलिए सरकार सोशलमीडिया की  डाल पर बैठ कर समय-असमय चिचियाने वाले उन्मुक्त परिदों के पर कतरने के लिए कानून लायी थी ,जिसे  देश की सबसे आला अदालत ने  नकार  दिया है। ऑनलाइन अभिव्यक्ति के सारे दरवाजे दुबारा चौपट खुल गए हैं।
अब यदि ऑनलाइन हिमाकत से निबटना है तो खुद को ऑनलाइन करने का हुनर सीखना  होगा।इस मामले में  पुलिसिया डंडे का खौफ काम नहीं करने वाला  ऑनलाइन रणबांकुरों का सामना करने  के लिए ऑनलाइन भिड़ना  होगा  वह समय आ गया है यदि किसी से मिलना ,बतियाना या झगड़ना है  तो कृपया व्हाह्ट्स एप ,फेसबुक या ट्विटर पर आयें   किसी पुरानी अदावत का हिसाब किताब चुकता  करना हो तो पहले फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजें और फिर कमेन्ट कॉलम में तेजाबी बयान लिख कर  अनफ्रेंड (अमित्र ) बनें।अमित्र बनने के लिए पहले मित्रता को अंगीकार करना ही होगा  सोशल मीडिया पर झगड़ने का भी एक विधान  होता है।
सोशल मीडिया की आभासी दुनिया में मुहं छुपाने की जगह नहीं होती ,यहाँ सब कुछ बड़े धूमधाम से  होता है।

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