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आँखे केवल ताकाझांकी नहीं करतीं वे अनकही को सुनती भी हैं .
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लौटाने के मौसम में न गलने वाली अरहर की दाल
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आँखे केवल ताकाझांकी नहीं करतीं वे अनकही को सुनती भी हैं .