स्मार्टफोन और स्मार्टनेस


 वह कतई  स्मार्ट नहीं हो सकता जिसके पास अपनी गर्दन को कमोबेश  पैंतीस डिग्री पर मोड़ ,कंधे को उचका और उसके बीच अपने एंडराइड फोन को फंसा ट्रेफिक के सिपाही से आँखें चुराकर भरी सड़क पर टूव्हीलर को दौड़ाने का कौशल नहीं आता  lवे लोग जो तमाम प्रयासों के बावजूद इस चातुर्य को पाने में असफल  हैं वही इस मुद्दे पर सबसे अधिक नाक भौं सिकोड़ते हैं lइनके मन में कौशलसम्पन्न लोगों के प्रति सौतिया डाह टाइप की  चिंता रहती है l नाकामयाब लोग ही अकसर बाय डिफॉल्ट चिंतक बन जाते  हैं l
अमरीका से खबर आई है कि स्मार्टफोन से दिन भर चिपके रहने की आदत न केवल आँखों के लिए वरन गर्दन और रीढ़ की सेहत के लिए भारी पड़ सकती है l सिकुड़ी हुई नाकों को जब उन्हें इसका  पता लगा तो उनकी त्वरित प्रतिक्रिया आई कि उन्हें तो यह बात पहले से ही  पता थी  l स्मार्ट लोगों ने कहा : हू केयर्स lनो रिस्क नो गेम lजिंदगी है खेल कोई पास कोई फेल l
स्मार्टफोन अब महज संवाद का उपकरण नहीं रह गया  है  lइनके आकार प्रकार कीमत और गुणवत्ता के जरिये ही इसे धारण करने वाले का सोशल स्टेट्स और स्मार्टनैस तय होती  है l सिर्फ इतना ही नहीं इसके सम्यक इस्तेमाल का सलीका ही धारक के व्यक्तित्व को आभामय  बनाता है lइससे ही मित्र मंडली का निर्माण होता है l प्यार ,दुलार ,स्वीकार दुत्कार और चीत्कार अभिव्यक्त होता है lमित्रों को ब्लॉक करने का सुगम उपाय मिलता है lसिर्फ इतना ही नहीं आभासी दुनिया में सेलिब्रिटी स्टेट्स मिलता है lउन्हें देश दुनिया की पल पल की खबर रहती है और उनके हर पग की पदचाप सोशल साईट पर दर्ज होती जाती है lउनके कुत्ते के जुकाम होने की सूचना से लेकर नुक्कड़ के पान वाले की बिटिया की गुड़िया के ब्याह की खबर सचित्र वायरल हो जाती है lजब वह जाकिर हुसैन के तबला वादन से लेकर बाबूलाल हलवाई की बालूशाही की रेसिपी तक पर विचार व्यक्त करते हैं तो तीन सौ लाइक्स और सवा सौ कमेन्ट उनके सर्वगुण सम्पन्न होने की तुरंत पुष्टि कर देते हैं l
 एक रिपोर्ट के मुताबिक  मुल्क के स्मार्टफोन यूजर्स तीन घंटे अठारह मिनट इसी तीन - तेरह में उलझे रहते हैं lउनके लगभग डेढ़ सौ बार  फोन या मैसेज न आने पर भी घंटी का आभास होता है lवे बार –बार अपने फोन को निहारते हैं और उसांस लेकर खुद से कहते  हैं –कोई न आया है कोई न आया होगा ,मेरा दरवाजा हवाओं ने हिलाया होगा lवे इस जद्दोजहद में लोग इतनी अधिक हवा गहरी सांस  के  जरिये  अपने भीतर  भर रहे  हैं कि आशंका है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक  दिन दुनिया में निर्वात कायम हो जाये l
न्यूयार्क के एक मेडीसेंटर द्वारा किये गए अध्ययन के अनुसार स्मार्टफोन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे पैदा कर रहा है lइस सूचना से स्ट्रीट स्मार्ट लोग अमरीका से बेहद खफा हैं lउनका कहना है कि यह मुआ अमरीका दूसरों की स्मार्टनेस इतना चिढ़ता क्यूँ है lजब देखो किसी न किसी  को धमकाता या बरगलाता रहता है l किसी पर वह आँख तरेरता है तो किसी के सर को निशाना बना के अपने ड्रोन से मिसाइल दागता है l वैसे भी आज के वक्त में तनी हुई रीढ़ और उठी हुई गर्वोन्मत्त गर्दन की जरूरत ही किसे है ?




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