सेल्फी है तो कमाल है


सेल्फी का जमाना है। दुनिया भर में सेल्फी के चर्चे हैं।यह हर जगह है ।जिराफ की तरह गर्दन को उचका कर ,मुहँ को बंदर की तरह बिचका कर और सोशल मीडिया पर उसे चिपका कर कोई भी रातोरात अपनी छवि और स्टेट्स को वायरल कर सकता है।पेट्रोल या डीजल के दाम बढ़ें तो आप उसे अपने वाहन में भरवाते हुए सेल्फी खींच कर सबको बता सकते हैं कि दाम बढ़ें या घटें ,इससे हमें क्या ? वी मीन बिजनस।
सेल्फी की संभावना हर जगह मौजूद रहती है।जब उसे खींचने का मौका नहीं मिलता तब वह हमारी स्मृति में रहती है ।अत्यंत सेल्फ्लैस तरीके से रहती है ।अपना हाथ जगन्नाथ टाइप के मोड में रहती है ।इसके लिए किसी अन्य की न तो चाहत होती है ,न  दरकार ।यह देह और आत्मा को एकाकार कर देती है ।यह हर जरूरी गैर -जरूरी पल को संजो लेती है ।इतिहास के बनने की प्रक्रिया की सूक्ष्म डिटेल्स तक को हाथ से फिसलने नहीं देती।डिजिटल इमेज तुरत फुरत वैश्विक लोकप्रियता दिला  जाती है ।राजनय के असल मुद्दे सेल्फी के सामने टिक नहीं पाते ।विदेशी मामलों के प्रकाण्ड पंडित  इस सेल्फी डिप्लोमेसी के सामने हतप्रभ रह जाते हैं।
सेल्फी खींचना एक कला है।इसकी टाइमिंग को साधना आसान नहीं। गिरगिट की गति से भी अधिक तीव्र स्पीड से रंग बदलने में कोई माहिर ही यह काम कर  पाता है। इसमें कर्ता और कारक एक ही होता है इसलिए गडबडी होने की स्थिति में दूसरे के सिर पर गलती का ठीकरा फोड़ने की गुंजाइश नहीं होती । इसके  नतीजे  फौरन प्रकट होते  है। इस तरह सेल्फी बड़ी सेल्फिश होती है।
सेल्फी से सेल्फ निखरता है। इसकी बड़ी अहमियत है।जेनरेटर में सेल्फ लगा हो तो वह बटन दबते ही बिना हत्थी  घुमाए स्टार्ट हो जाता है ।सेल्फ ठीक काम करता हो  तो नो पार्किंग में खड़ा थ्री व्हीलर ट्रेफिक पुलिस को देखते ही  नदारद हो जाता  है। बाइक में यदि सेल्फ लगा हो तो वह सवारी की किक  खाए बिना दौड़ने लगती है। जिसने सेल्फ साध लिया समझो उसने सबको साध लिया। जिसने सेल्फी खींचने के हुनर को ठीक से जान लिया उसने मानो आभासी दुनिया के दिलों को फतह कर लिया। और जो आभासी दुनिया का एकबार सिरमौर बन गया उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
सेल्फी के जरिये बड़े – बड़े काम पलक झपकते हो जाया करते हैं।सेल्फी है तो वाकई कमाल है।
निर्मल गुप्त ,208 ,छीपी टैंक ,मेरठ 250001 मोबाइल : 8171522922













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