मानसून ,इस्तीफ़ा ,मेथी की चटनी और रेनडांस
मानसून के आ पहुँचने की अपुष्ट खबर है l वह कभी ‘मे आई कम इन’ सर कह कर नहीं आता l वह ओबिडियंट स्टूडेंट जैसा नहीं होता l वह क्लासरूम के पिछले दरवाजे से किसी शैतान बच्चे की तरह दबे पाँव आता है l राजनीति में भी सब कुछ खुलेआम नहीं होता l अधिकतर काम चुपचाप हो जाते हैं l तमाम वजहों के चलते न होने लायक काम भी हो जाते हैं l मसलन हवा का दवाब घटता है तो बादल बरस जाते हैं l विक्षोभ बढ़ता है तो जलभरे काले बादल तमाम गर्जन के बावजूद नहीं बरसते l राजनीति में भी अमूमन यही सब होता है l ऐसा ही सदा -सदा से होता आया है l मौसम विभाग और राजनीतिक पंडितों की भविष्यवाणी अकसर धूल चाट जाती है l मौसम और राजनीति में अप्रत्याशित घटित होता है l होता हो या न होता हो ,पर होता हुआ –सा लगता जरूर है l
कई दिनो से सुन रहे हैं कि मानसून मुंबई तक आ पहुंचा है l मुम्बई तरबतर हो ली है l दिल्ली सहित अन्य जगहों के सूखे खेत, खलिहान, गाँव, कस्बे उसके आने की बाट जोह रहे हैं l लेकिन वह आने की तमाम अफवाहों के बावजूद ठीक से आ नहीं रहा l यही हाल राजनीतिक हलकों में इस्तीफों का है l वे आने की पुष्ट खबरों के बावजूद आ नहीं रहे l कभी उनके लंच के समय आने का पता लगता है तो बहुत से लोग यह सोच कर लंच स्थगित कर देते हैं कि चलो इंतजार कर लें l इस्तीफ़ा आ जाये तो चैन से रोटी खाएं l मानो इस्तीफ़ा ,इस्तीफा न हुआ कि मेथी की चटनी हो गया l ठीक से सिलबट्टे पर पिस कर आ जाये तो रुखी सूखी रोटियों में स्वाद आये l रोटियां बिलकुल समोसे जैसी चटपटी हो जाएँ l
जब से मुल्क में नई सरकार आई है तब से कुछ लोग हरदम बेचैन रहने लगे हैं l वे दिन भर सरकार के खिलाफ सुबूत एकत्र करते हैं और रात को उसके इस्तीफ़ा देने का सपना देखते हैं l उनका बस चले तो मानसून के विलम्ब से आने जैसे मुद्दे को लेकर चुनी हुई सरकार को खड़े खड़े बर्खास्त कर दे l उनके भीतर का सेक्युलरिज्म ‘ओवरफ्लो’ करने लगता है तो वे सोशल मीडिया पर आकर धार्मिकों को खरी खोटी सुना देते हैं lवहाँ जो उनकी बात का प्रतिवाद करता है उसे वे तत्काल प्रभाव से ब्लॉक कर देते हैं l
किसी चैनल पर कोई खबरची चीखता हुआ बता देता है कि देर रात मानसून की बारिश और डिनर के समय पर एकाध इस्तीफ़ा जरूर आ जायेगा l मानसून प्रेमी कमर कस कर तैयार हो जाते हैं l लैला मजनू टाइप के लोग बरसातों में भरने लायक ‘आहों’ का रिहर्सल शुरू कर देते हैं l अतिउत्साही नौनिहाल कॉलोनी की नाली का ब्लूप्रिंट और कागज़ की नाव बनाने की तकनीक इंटरनेट से सीखना शुरू कर देते हैं l इस्तीफ़ा मांगने वाले लोग दिल थाम कर वक्त से पहले ही उँगलियों को क्रास करके डिनर टेबिल पर जा बैठते हैं l
फ़िलहाल इस्तीफे के चक्कर में लोग डाइटिंग करते हुए अपना वजन घटा रहे हैं और मानसून भक्त बाथरूम के शावर के नीचे रेनडांस का लुत्फ़ ले रहे हैं
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