मोबाइल का पैनिक बटन और पैनिकता की फ़िक्र


अब मोबाइल में पैनिक बटन होगा।इस खबर ने बहुत से लोगों के भीतर अदृश्य भय के साथ  नवउत्साह का संचार कर दिया है।पैनिक का हिंदी समानार्थी  त्रास  अमूमन हर बौद्धिक के भीतर कमोबेश संत्रास की शक्ल में मौजूद रहता ही है।यदि इसका मतलब आतंक माना जाए तो पैनिक  यकीनन बड़ी  डिप्लोमेटिक व्यंजना है।कुटिलता से भरीपूरी।पैनिक  की थाह पाने के लिए यदि इसके भावार्थ में गहरे उतरें तो एक अजब हलचल शब्दकोश में यहाँ वहां टहलती दिख जायेगी।लेकिन पैनिक  होने के लिए कोई एक  लफ्ज़  पर्याप्त नहीं है।
पैनिक  बोले तो वो पैनिक  जिसके लिए बटन की जरूरत महसूस हो।बटन भी ऐसा जिसे वक्त-जरूरत झट से दबा कर उसे आलोकित किया  जा सके।बटन दबते ही अपना काम करे।ईवीएम वाला नोटा जैसा बटन न हो,जिसके दबाने या न  दबाने से कोई फर्क ही न पड़ता हो। रेलगाड़ी और बस में रखी उस कम्प्लेंट बुक जैसा भी नहीं जिसकी जब आवश्यकता पड़े तो पता लगे कि वह तो कभी अस्तित्व में आई ही नहीं थी।छाते में लगे उस जंग लगे बटन जैसा न हो ,जिसे बारिश होने पर  दबाते रह जाएँ और वह तब खुले जब काले मेघ पानी बरसा  अगले मोहल्ले की ओर बढ़ लें।
वैसे पैनिक  भी कई आकार,प्रकार और प्रजाति का होता है।कामवाली के सुबह तय समय पर न प्रकट होने पर होने वाला  उद्दात पैनिक ।इस आपदा से निबटने के लिए कोई बटन आजतक इजाद नहीं हुआ।अलबत्ता ऐसी अपरिहार्य स्थिति में भद्रपुरुष टाइप पतियों के कान में पैनिक की घंटी खुद-ब-खुद बज उठती है।एक अन्य तरह का पैनिक  तब भी फैलता है जब संतान युनिवर्सटी में एडमिशन के लिए बाट जोह रही हो और फर्स्ट कटऑफ के सौ प्रतिशत पर अटक जाने की खबर आ जाए।तब संतान इसके निदान के लिए चार छ: लाख रुपये वार्षिक फीस वाले निजी संस्थान का प्रोस्पेक्ट्स मंगाने की फरमाइश कर दे।इस पैनिक  में कोई बटन नहीं सिर्फ सहमति में हिलती हुई गर्दन और प्रोविडेंट फंड की खाता संख्या काम करती है।

अनुमान तो यही है कि मोबाइल के पैनिक  बटन से दिलासा भरा यह संदेश निकलना है कि हम आपकी ‘पैनिकता’ की फ़िक्र  करते हैं।आप समाधान की कतार में हैं।कृपया धैर्यपूर्वक पैनिक होते रहें।

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